खोज... खुद की | प्रेरणादायक हिंदी कहानी
खोज... खुद की" एक प्रेरणादायक हिंदी कहानी है जो आत्म-खोज और जीवन के असली उद्देश्य को समझने की यात्रा को दर्शाती है। पढ़िए नीरज की कहानी और पाएं खुद से जुड़ने की प्रेरणा।
खोज... खुद की
नीरज एक तेज़ दिमाग़ वाला लड़का था। अच्छे नंबर, अच्छी नौकरी, बड़ी कंपनी — सब कुछ उसके पास था। लेकिन उसके चेहरे पर हमेशा एक खालीपन छाया रहता।
एक दिन ऑफिस से लौटते वक्त उसे सड़क किनारे एक बूढ़े व्यक्ति ने टोका,
"बेटा, क्या तुम मुझे रेलवे स्टेशन जाने का रास्ता बता सकते हो?"
नीरज ने झुंझलाते हुए कहा,
"मैं खुद रास्ता खोज रहा हूँ… अपनी जिंदगी का।"
बूढ़ा मुस्कुराया और बोला,
"जब तक तुम सिर्फ मंज़िल खोजते रहोगे, रास्ते खोते रहोगे।
एक दिन बैठकर सोचो — तुम वाकई क्या खोज रहे हो?
दूसरों को रास्ता बताओगे, तो शायद खुद का रास्ता भी साफ़ दिखे।"
उस दिन के बाद नीरज की सोच बदल गई।
उसने कुछ समय के लिए काम से छुट्टी ली, गाँव गया, पुराने शौक़ दोबारा अपनाए — पेंटिंग, कहानियाँ, बच्चों को पढ़ाना।
धीरे-धीरे उसे समझ में आया कि उसका असली प्यार क्या है — खुद को समझना, और दूसरों को भी रोशनी देना।
अब नीरज एक कोच है — लोगों को उनकी खोज में मदद करता है।
और वो अक्सर कहता है,
"जब हम खुद को खोज लेते हैं, तभी हमें दुनिया भी नई लगती है।"

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