Chhoti Si Chitthi बच्चों के लिए रोचक हिंदी कहानियाँ
Baccho Ki Kahaniya Moral Stories in | Hindimoral Kahaniya in Hindi Chhoti Si Chitthi
Chaliye, Ek Nayi Aur Anokhi Kahani Sunata Hoon Jo Aapki Bahut Pasand Aayegi
"Kahani: "Chhoti Si Chitthi"
छोटे से कस्बे के पोस्टमैन रमेश की जिंदगी बहुत साधारण थी।
रोज़ सुबह उठकर वह साइकिल से लोगों के घर-घर जाकर चिट्ठियाँ बांटता।
किसी के लिए खुशखबरी होती, तो किसी के लिए दुखद समाचार।
लेकिन रमेश का काम हमेशा बिना किसी शिकवे के चलता रहा।
एक दिन, उसे एक बहुत छोटी सी चिट्ठी मिली, जिस पर पता अधूरा था।
सिर्फ़ इतना लिखा था, "माँ, मेरे पास आ जाओ।"
चिट्ठी भेजने वाले का नाम या गाँव का नाम कुछ भी स्पष्ट नहीं था।
रमेश ने ठान लिया कि वह इस चिट्ठी को सही पते पर पहुंचाकर रहेगा।
उसने आसपास के गाँवों में जाकर पूछताछ शुरू की।
हर गाँव में लोगों से बात की, लेकिन उसे कोई सुराग नहीं मिला।
दिन गुजरते गए, लेकिन रमेश हार नहीं मान रहा था।
वह हर दिन एक नया गाँव तलाशता, शायद कहीं उस चिट्ठी का सच्चा पता मिल जाए।
फिर एक दिन, एक बुजुर्ग महिला ने रमेश को बुलाया और बताया कि उसकी बेटी एक बड़े शहर में रहती है और वह चिट्ठी शायद उसी की हो सकती है।
वह कई सालों से अपनी बेटी की चिट्ठी का इंतजार कर रही थी।
रमेश ने उस चिट्ठी को उस बूढ़ी महिला को दिया, और उसकी आँखों में आँसू देख कर उसे महसूस हुआ कि उसकी मेहनत रंग लाई।
शिक्षा : यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी-कभी छोटी-छोटी चीजों में भी बहुत बड़ी भावनाएँ छुपी होती हैं। रमेश का संकल्प और उसकी मेहनत ने एक माँ को उसकी बेटी की चिट्ठी तक पहुँचाया, जो सिर्फ़ शब्दों से कहीं ज्यादा मायने रखती थी।
Thanks for Watching ....



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