Aakhari Train Love Story | आखिरी ट्रेन कहानी

 आखिरी ट्रेन Romantic Kahani 


Aakhari Train love Romance Kahani 


**आखिरी ट्रेन**


दिसंबर की एक ठंडी शाम को, एम्मा ट्रेन स्टेशन पर खड़ी थी, उसकी साँसें ठंडी हवा में छोटे-छोटे बादल बना रही थीं। प्लेटफ़ॉर्म लगभग खाली था, कुछ देर से आने वाले यात्रियों और बेंच पर बैठे एक आदमी को छोड़कर, जो अपने विचारों में खोया हुआ था। उसने अपनी घड़ी पर नज़र डाली, आखिरी ट्रेन आने के लिए उत्सुक थी, जब अचानक उस आदमी की नज़र उस पर पड़ी। उसमें कुछ जाना-पहचाना सा था, लेकिन वह उसे पहचान नहीं पाई।


जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी, वे दोनों उसमें चढ़ गए। उसे आश्चर्य हुआ, वह आदमी उसके सामने बैठा था। उसने ऊपर देखा, उनकी आँखें मिलीं, और एम्मा को पहचान का एक अजीब सा एहसास हुआ। एक पल के बाद, वह मुस्कुराया, चुप्पी तोड़ते हुए।


“मुझे लगता है कि मैं तुम्हें जानता हूँ,” उसने धीरे से कहा। “हम साथ-साथ स्कूल गए थे, है न?”


एम्मा ने पलक झपकाई, फिर उसे एहसास हुआ। “लियाम... आर्ट क्लास से,” उसने आश्चर्यचकित होकर कहा। हाई स्कूल को कई साल हो गए थे, और उसने उसे स्नातक होने के बाद से नहीं देखा था। उस समय वे हमेशा एक शांत बंधन साझा करते थे, अपने सपनों के बारे में घंटों बातें करते थे, लेकिन जीवन ने उन्हें अलग-अलग दिशाओं में खींच लिया था।


जब वे एक-दूसरे से मिले, तो ट्रेन पटरियों पर सरसराहट कर रही थी, अतीत की यादें ताज़ा कर रही थी और अपने जीवन के रास्तों को साझा कर रही थी। समय उड़ गया, और इससे पहले कि वे जानते, वे अपने स्टॉप पर पहुँच गए।


जब वे ठंडी रात में खड़े थे, एम्मा हिचकिचा रही थी। "यह अजीब है, है ना? किसी से मिलना

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